नई दिल्ली में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऐसे बड़े सुधार किए गए हैं, जो भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे को सरल, पारदर्शी और नागरिक-हितैषी बनाएंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर घोषित नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी सुधारों के अनुरूप, ये बदलाव आम लोगों, किसानों, छोटे कारोबारियों और उद्योगों को बड़ी राहत देंगे।
मुख्य सुधार
1. बीमा और स्वास्थ्य सेवाओं पर राहत
- सभी जीवन बीमा पॉलिसियों (टर्म, यूएलआईपी, एंडोमेंट आदि) और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों (फैमिली फ्लोटर व वरिष्ठ नागरिक पॉलिसी) पर जीएसटी पूर्णतः समाप्त।
- रि-इंश्योरेंस पर भी जीएसटी से छूट।
👉 इससे प्रीमियम कम होंगे और बीमा कवरेज बढ़ेगा।
2. सरल कर संरचना
- वर्तमान चार-स्तरीय कर ढांचे की जगह अब होगा दो-स्तरीय “सिंपल टैक्स” ढांचा:
- स्टैंडर्ड रेट: 18%
- मेरिट रेट: 5%
- डी-मेरीट रेट: 40% (कुछ विलासिता/हानिकारक वस्तुओं पर – जैसे तंबाकू, पान मसाला, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स)।
3. आम आदमी के लिए सस्ती रोजमर्रा की चीज़ें
- साबुन, शैम्पू, तेल, टूथपेस्ट, टूथब्रश, साइकिल, बर्तन, रसोई के सामान – अब केवल 5% जीएसटी।
- नमकीन, नूडल्स, सॉस, चॉकलेट, कॉफी, घी, मक्खन, कॉर्नफ्लेक्स – अब सिर्फ 5% जीएसटी।
- दूध (UHT), पनीर, चपाती, रोटी, पराठा, परोट्टा – अब जीएसटी पूरी तरह समाप्त।
4. किसानों व श्रम प्रधान क्षेत्रों को लाभ
- कृषि: ट्रैक्टर व कृषि मशीनरी पर कर 12% से घटाकर 5%।
- हस्तशिल्प, संगमरमर, ग्रेनाइट, चमड़े के उत्पाद – अब 5% जीएसटी।
- दवाइयाँ और चिकित्सा उपकरण: 33 जीवनरक्षक दवाइयों पर जीएसटी NIL, अन्य दवाइयाँ और डायग्नॉस्टिक किट्स पर केवल 5%।
- वाहन क्षेत्र: छोटी कारें, बाइक (≤350cc), बसें, ट्रक अब 28% से घटकर 18% जीएसटी।
5. सीमेंट व हाउसिंग सेक्टर को राहत
- सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18%।
6. व्यापार को सुगमता
- जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल (GSTAT) दिसंबर 2025 तक शुरू होगा।
- इंवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार (टेक्सटाइल, उर्वरक, नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में)।
- व्यापारियों को तेज़ रिफंड प्रक्रिया।
लागू होने की तारीख
- 22 सितम्बर 2025 से अधिकतर वस्तुओं व सेवाओं पर नई दरें लागू होंगी।
- तंबाकू, पान मसाला आदि पर वर्तमान दरें तब तक लागू रहेंगी, जब तक क्षतिपूर्ति उपकर (Compensation Cess) का दायित्व पूरा नहीं हो जाता।
आपके लिए क्या बदलेगा?
- परिवारों के लिए: रोज़मर्रा के सामान और स्वास्थ्य सेवाएँ सस्ती।
- किसानों व छोटे कारोबारियों के लिए: मशीनरी और कच्चे माल पर राहत।
- व्यवसायों के लिए: सरल कर ढांचा, तेज़ रिफंड और विवाद निपटान में आसानी।
- स्वास्थ्य व बीमा क्षेत्र: सस्ती बीमा पॉलिसियाँ और जीवनरक्षक दवाइयाँ।
निष्कर्ष
56वीं जीएसटी काउंसिल बैठक के फैसले भारत की कर प्रणाली को सरल, न्यायसंगत और सर्वहितकारी बनाएंगे। आम आदमी की जेब से लेकर किसानों, कारोबारियों और उद्योगों तक, इन सुधारों से हर वर्ग को लाभ होगा।
Disclaimer
उपरोक्त लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है और आज हुई जीएसटी परिषद की बैठक के अपडेट पर आधारित है, जैसा कि सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी में बताया गया है। यद्यपि सटीकता सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास किया गया है, पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे कोई भी वित्तीय, कर या व्यावसायिक निर्णय लेने से पहले आधिकारिक सरकारी अधिसूचनाओं, परिपत्रों और राजपत्र प्रकाशनों से विवरणों की पुष्टि कर लें। प्रदान की गई जानकारी पर भरोसा करने से होने वाले किसी भी नुकसान या परिणाम के लिए न तो लेखक और न ही यह प्लेटफ़ॉर्म ज़िम्मेदार होगा। यह अपडेट हाल ही में हुई जीएसटी परिषद की बैठक के बारे में सामान्य जागरूकता के लिए साझा किया गया है। इसे आधिकारिक कर या वित्तीय सलाह नहीं माना जाना चाहिए। सटीक नियमों, दरों और अनुपालन के लिए, कृपया सरकारी अधिसूचनाएँ देखें या किसी योग्य कर विशेषज्ञ से परामर्श लें।